फ़ॉलोअर

शुक्रवार, 22 फ़रवरी 2019

सब जीवन बीता जाता है - जयशंकर प्रसाद

Related image
सब जीवन बीता जाता है
धूप छाँह के खेल सदॄश
सब जीवन बीता जाता है

समय भागता है प्रतिक्षण में,
नव-अतीत के तुषार-कण में,
हमें लगा कर भविष्य-रण में,
आप कहाँ छिप जाता है
सब जीवन बीता जाता है

बुल्ले, नहर, हवा के झोंके,
मेघ और बिजली के टोंके,
किसका साहस है कुछ रोके,
जीवन का वह नाता है
सब जीवन बीता जाता है

वंशी को बस बज जाने दो,
मीठी मीड़ों को आने दो,
आँख बंद करके गाने दो
जो कुछ हमको आता है

सब जीवन बीता जाता है.
Image result for वंशी को बस बज जाने दो,
- जयशंकर प्रसाद


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें