काव्य-धरा
रविवार, 27 जनवरी 2019
मैं इसलिए लिख रहा हूं -अच्युतानंद मिश्र
मैं इसलिए लिख रहा हूं
मैं इसलिए लिख रहा हूं
कि मेरे हाथ काट दिए जाएं
मैं इसलिए लिख रहा हूं
कि मेरे हाथ
तुम्हारे हाथों से मिलकर
उन हाथों को रोकें
जो इन्हें काटना चाहते हैं.
-अच्युतानंद मिश्र
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