शुक्रवार, 11 जनवरी 2019

मुहब्बत में करे क्या कुछ किसी से हो नहीं सकता -दाग़ देहलवी

गूगल से साभार 
 मुहब्बत में करे क्या कुछ किसी से हो नहीं सकता
मेरा मरना भी तो मेरी ख़ुशी से हो नही सकता



न रोना है तरीक़े का न हंसना है सलीके़ का
परेशानी में कोई काम जी से हो नहीं सकता


ख़ुदा जब दोस्त है ऐ 'दाग़' क्या दुश्मन से अन्देशा
हमारा कुछ किसी की दुश्मनी से हो नहीं सकता


2 टिप्‍पणियां:

  1. कुछ किसी से हो नहीं सकता....
    ये बला ही ऐसी है, कोई कुछ कर भी नहीं सकता,
    होना है तो बस होना है,
    कोई अपनी मर्जी से मर भी नहीं सकता....
    👌👌👌👌

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  2. कुछ किसी से हो नहीं सकता....
    ये बला ही ऐसी है,......सही कहा आपने.
    सहृदय आभार.......आदरणीय बहुमूल्य प्रतिक्रिया देने के लिए

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